इसके साथ ही वे कई कुंडलियों का अध्ययन करते है जिससे की सही समाधान बताया जा सके. उच्च कोटि के साधक यक्षिणी में स्वरूप या तो माँ स्वरूप लेते है या पुत्री स्वरूप. यहाँ सदगुरु दुनिया के सबसे ज्यादा उल्लासमय, समृद्ध त्योहारों में से एक, दिवाली का आध्यात्मिक महत्व समझा https://franciscoudfkk.look4blog.com/70896536/how-to-do-vashikaran-kaise-hota-hai-fundamentals-explained