मनोजवम् मारुततुल्यवेगम् जितेन्द्रियम् बुद्धिमताम् वरिष्ठम्। त्वमस्मिन कार्य निर्योगे प्रमाणं हरिसत्तमा भीम रुप धरि असुर संहारे। रामचन्द्र के काज संवारे॥ सर्वरोगहराय सर्ववशीकरणाय रामदूताय स्वाहा। मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं क्या चलते-फिरते हनुमान चालीसा पढ़ सकते हैं? After perfecting the mantra, chant this mantra to the individual in whom the ghost https://afundirectory.com/listings13224332/an-unbiased-view-of-hanuman-chalisa